कहते है मौसम ईमानदार नहीं होता,
कुछ घावों पर नमक भी असरदार नहीं होता,
अक्सर देखा जाता है आज कल,
दुश्मन भी वफादार नहीं होता,
सफ़र में अकेले थे जानिबे मंज़िल,
ज़िन्दगी यूँ बार बार भी इंतज़ार नहीं होता,
यकीं किया होता गर दिमाग पर,
आज दिल ऐ बीमार नहीं होता,
मेरे जैसा है शायद तू भी,
दोस्त कोई इतना तलबगार नहीं होता।
विपिन जैन
1 comment:
बेहतरीन..
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