Thursday, July 10, 2008

अब के बरस

अब के बरस वक़्त है,
एक मेहमां की तरह,
मेरा वज़ूद भी है,
एक टूटे हुए तारे की तरह,
वो चला गया यूं आकर,
हवा के एक झोंके की तरह,
सफ़र लम्बा है मगर,
मिलेगी मुझको वो एक मंज़िल की तरह,
अब के बरस वक़्त है,
एक मेहमां की तरह,

4 comments:

Advocate Rashmi saurana said...

sundar. ati uttam.

ghughutibasuti said...

बढ़िया !
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

Sahi hai, likhte rahiye.

seema gupta said...

अब के बरस वक़्त है,
एक मेहमां की तरह,
"beautiful"

"waqt mehman bn ke kya aaya, aane se pehle hee jane ka paigaam laya"