Monday, August 4, 2008

क्या देगा?




जिसने सब कुछ दे दिया,


वो अब और क्या देगा?


जो खुदा न दे सका,


वो अब आदमी क्या देगा?


जो लम्हे वो ले गया है,


वक़्त अब क्या देगा?


हमसे पूछो दोस्ती का सिला,


जो गम के सिवा क्या देगा?


इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,


इससे कड़वा खुदा क्या देगा?

22 comments:

रंजू भाटिया said...

हमसे पूछो दोस्ती का सिला,
जो गम के सिवा क्या देगा?


बहुत सुंदर लिखा है आपने

डॉ .अनुराग said...

जो लम्हे वो ले गया है,

वक़्त अब क्या देगा?
bahut badhiya....

समय चक्र said...

इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?
bahut badhiya badhai.

अभिन्न said...

बहुत ही सुन्दर रचना है विपिन जी सरलता और सहजता इस की खासियत है
इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?

ghughutibasuti said...

आपने बहुत सुन्दर सहज व भावपूर्ण कविता लिखी है।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

क्या बात है!!! वाह! बहुत खूब!!

Nitish Raj said...

Good one budy...
इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?
वाह मियां...बहुत खूब...
सुदर...अति उत्तम।।।।

परमजीत सिहँ बाली said...

अपने जज्बातों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।बहुत बढिया लिखा है-


हमसे पूछो दोस्ती का सिला,
जो गम के सिवा क्या देगा?

मीत said...

इससे कड़वा खुदा क्या देगा?
bahut khoob hai...
or mujhe protsahan dene ke liye bahut abhaar...
jari rahe

ताऊ रामपुरिया said...

हमसे पूछो दोस्ती का सिला,
जो गम के सिवा क्या देगा?

सुन्दरतम अभिव्यक्ति !!
धन्यवाद !

शायदा said...

is se kadwa kuchh hota hi nahi sahi kaha.

राज भाटिय़ा said...

इससे कड़वा खुदा क्या देगा? इस कविता मे बहुत बडी बात कह दी आप ने,बहुत ही सुन्दर भाव,बहुत धन्यवाद

Advocate Rashmi saurana said...

bhut badhiya. or sahi bhi. ati uttam.

Unknown said...

आपने जिंदगी की सच्चाई लिखी है
इश्क का जहर पीया है हमने
इससे कड़वा खुदा क्या देगा
बहुत खूब

श्रद्धा जैन said...

bhaut hii ghari rachna
aur sher

seema gupta said...

इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?

"good presentation of thoughts" keep it up

L.Goswami said...

इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?

..मतलब कमबख्त इश्क ने निकम्मा बना दिया वरना हम भी आदमी थे काम के :-)

admin said...

जिंदगी के करीब है आपकी यह गजल। और यह शेर तो एकदम दिल में उतर गया-
इश्क़ का ज़हर पीया है हमने,
इससे कड़वा खुदा क्या देगा?

बहुत बहुत बधाई।

Vinay said...

भई इक बार फिर आप तारीफ़ के पात्र हैं!

Smart Indian said...

बहुत सुंदर!

Asha Joglekar said...

कमाल की रचना

anilpandey said...

खुशी तो सभी दिया करते हैं , पर गम देनें वाले बडे ही कम मिला करते हैं