Friday, December 12, 2008

दर्द

प्यार तो हर कोई करता है,

मगर उसको जताना चाहिए,

गम मेरा हो या तेरा हो मेरे यार,

उसे मिलकर बाँटना चाहिए,

दर्द आंखों से नज़र आ जाता है,

मगर कुछ को अंदर ही छुपाना चाहिए,

जो आंखे बहुत रोती हैं खुशी में भी,

उन आँखों को भी हसाना चाहिए.

5 comments:

Vinay said...

बहुत सुन्दर!

P.N. Subramanian said...

सुंदर रचना. आभार.

mehek said...

जो आंखे बहुत रोती हैं खुशी में भी,

उन आँखों को भी हसाना चाहिए
waah bahut hi sundar badhai

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब.
धन्यवाद

नीरज गोस्वामी said...

दर्द आंखों से नज़र आ जाता है,
मगर कुछ को अंदर ही छुपाना चाहिए,
कितनी सच्ची बात कही है आपने...वाह...
नीरज