Tuesday, September 30, 2008

ईमान

खाली न हो घर दिल का,

इसमे सामान कोई रखना,

जो चले गये छोड़कर सफ़र,

उनकी याद में याद कोई रखना,

जब हो कामयाबी का नशा खुद पर,

तो सामने अपने आईना कोई रखना,

यकीनन ज़िंदगी एक ज़ंग है मगर,

इस दौड़ में अपना ईमान कोई रखना

12 comments:

seema gupta said...

यकीनन ज़िंदगी एक ज़ंग है मगर,

इस दौड़ में अपना ईमान कोई रखना

"wah, bhut sunder abheevyktee, behtreen"

Regards

Kavi Kulwant said...

bahut hi achche bhav..badhayee..

Udan Tashtari said...

बहुत बेहतरीन !!

ईद मुबारक!!

नवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाऐं.

राज भाटिय़ा said...

ओर भाई इस जंग से जीतना भी हमे हे, ओर जिन्दगी कॊ जिन्दा दिली से जीना भी हे.
धन्यवाद

ताऊ रामपुरिया said...

यकीनन ज़िंदगी एक ज़ंग है मगर,
इस दौड़ में अपना ईमान कोई रखना

बहुत शिक्षादायक रचना ! धन्यवाद !

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

तीर स्नेह-विश्वास का चलायें,
नफरत-हिंसा को मार गिराएँ।
हर्ष-उमंग के फूटें पटाखे,
विजयादशमी कुछ इस तरह मनाएँ।

बुराई पर अच्छाई की विजय के पावन-पर्व पर हम सब मिल कर अपने भीतर के रावण को मार गिरायें और विजयादशमी को सार्थक बनाएं।

admin said...

यकीनन ज़िंदगी एक ज़ंग है मगर,
इस दौड़ में अपना ईमान कोई रखना।

बहुत प्यारा शेर है,बधाई।

seema gupta said...

दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

भूतनाथ said...

आपकी सुख समृद्धि और उन्नति में निरंतर वृद्धि होती रहे !
दीप पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

योगेन्द्र मौदगिल said...

कहां हो भाई..?

KK Yadav said...

बेहद लाजवाब और सुन्दर प्रस्तुति.

shama said...

Jeevanki jab aakharee saans leneka samay ho to dilme koyi pashchtap nahee hona chahiye...mere dadaji kaha karte the....aankhen chainse band ho jay.....yahee to eemaanke raahpe chalneki seekh hai...
Aapki sabhi rachnaye zindagike sachse rubaru karati hain...
Mere blogpe aamantrit karne aayi hun"....Duvidha" ke alawa do lekh likhe hai, mumbaime hue aatankwaadee hamleke baad.1) Meree Aawaaz Suno. 2) Ye jazba salamat rahe.
Teen kavyarachnayen punah dohraayi hain..."Jateeywaad, Aatankwaad aur Suraksha Yantrana" inpe ek abhyaspoorn lekin jhakjhoke rakh denewali documentary banae jaa rahi hun...filhaal janjagruti abhiyan chalu hai.