Sunday, June 29, 2008

भूली-बिसरी याद

ताज़ तेरे लिए ही सही,
मेरे लिए तो तिनको का ताज़ सही,
ये उँची पहचान तुझे ही मुबारक,
मेरी तो ये छोटी पहचान ही सही,
तुम्हें एसा लगता था ज़िन्दगी,
हम ग़लत,तुम सही,तुम्हारे ज़ज़्बात सही,
हमें तो अब कोई फ़र्क नहीं पड़ता,
चाहे ये सारी दुनिया बेवफा सही,
तुम्हारी मोहब्बत, मोहब्बत थी,
हमारी मोहब्बत मज़ाक सही,
अब सब कुछ बीत गया,
बिता हुआ कल भूली-बिसरी याद सही

2 comments:

Udan Tashtari said...

बढ़िया है, लिखते रहें.

seema gupta said...

तुम्हारी मोहब्बत, मोहब्बत थी,
हमारी मोहब्बत मज़ाक सही,
अब सब कुछ बीत गया,
बिता हुआ कल भूली-बिसरी याद सही

"aap beete ko, kabhee btaya to hotta,
bhule bisree yadon mey hume bulaya to hotta..."

Regards