Wednesday, July 2, 2008

वो मुझसे

बहुत प्यार करती थी वो मुझसे,
बहुत सारे सपने थे उसके,
जीने मरने का वादा किया था,
सफ़र में साथ चलने का इरादा किया था,
मगर वो न चली दो कदम भी मेरे साथ,
क्यूँ की वो बेवफा नही थी,
वो तो मज़बूर थी,
कुछ रिश्ते नातो से,
कुछ अपनो के वादों से ]

3 comments:

कुश said...

बहुत खूब

Udan Tashtari said...

बढ़िया है.

seema gupta said...

क्यूँ की वो बेवफा नही थी,
वो तो मज़बूर थी,
कुछ रिश्ते नातो से,
कुछ अपनो के वादों से ]
" bhut khub"

"jine ke liye uska naam hee kafee hai,
vo befva nahee, mujh pe ye ehshan hee kafee hai"

Regards