Saturday, June 20, 2020

लड़खड़ाते होटल उद्योग को भविष्य में उम्मीद!!!

#VipinKiZindagi
लड़खड़ाते होटल उद्योग को भविष्य में उम्मीद!!!

वैश्विक महामारी कोरोना और लंबे लॉकडाउन की वजह से ठप हो चुका अजमेर का होटल उद्योग लड़खड़ाते हुए दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास कर रहा है। लॉकडाउन के बाद आने वाली नई चुनौतियां और उन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें तैयार होना होगा।
लॉकडाउन की वजह से उड़ाने, ट्रेनें और बसें बंद होने के कारण अजमेर के इस व्यवसाय को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। अजमेर की मशहूर दरगाह में जियारत के लिए देश और विदेश से आने वाले लोगों से इस व्यवसाय को बहुत गति मिलती थी लेकिन लॉकडाउन में गाइडलाइन के कारण दरगाह भी बंद रही। राजस्थान में 8 जून को होटल व्यवसाय को गाइडलाइन के जरिए खोल तो दिया गया लेकिन ट्रेन, फ्लाइट्स और बसें नियमित नहीं होने के कारण इस व्यवसाय की कमर टूट गई है। कोरोना के आतंक की वजह से पर्यटक बिल्कुल भी नहीं आ रहे हैं साथ ही नियमित रूप से आने वाले कॉरपोरेट क्लाइंट्स भी ना के बराबर है।

◆नुकसान-
अजमेर में पिछले कुछ वर्षों से पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास होने के कारण होटल व्यवसाय भी बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में अजमेर में होटल निर्माण में तेजी से वृद्धि हुई है। बहुत से लोगों ने इस व्यवसाय में होटल्स लीज पर लेकर भी निवेश किया है। लॉकडाउन ने व्यवसाय को ठप कर दिया है इसी वजह से कई होटल्स बंद होने की कगार पर हैं। लीज की राशि, नियमित स्टाफ को वेतन, बिजली का रनिंग खर्च, बैंक से लिए गए लोन कि किस्त आदि से इस व्यवसाय को होने वाले नुकसान का अनुमान लगाने से ही मन डर जाता है। होटल मालिकों का आर्थिक नुकसान तो है ही साथ ही इस व्यवसाय से जुड़े अनेक लोग अब बेरोजगारी की कगार पर हैं। इस व्यवसाय में ग्रामीण इलाकों से आए हुए लोग जो होटल की साफ-सफाई, रूम सर्विस या अन्य गतिविधियों से जुड़े होते थे उनकी लॉकडाउन के बाद इस व्यवसाय में गिरावट की वजह से नौकरियां नहीं रहने की वजह से बेरोजगारी बढ़ गई है।

◆कम होटल खुले-
गाइडलाइन के जरिए 8 जून से होटल व्यवसाय को खोला गया लेकिन कई होटल अभी भी नहीं खुले हैं। होटल मालिकों का मानना है की होटल खोलने पर खर्चे तो शुरू हो जाएंगे लेकिन आमदनी नगण्य होगी क्योंकि यातायात सुगम नहीं होने के कारण अभी पर्यटक बिल्कुल भी नहीं आएंगे, और आगे भी कोरोना के आतंक के कारण पर्यटक आने वाले कुछ महीनों तक डरा हुआ होगा।

◆संशय के साथ डर-
पर्यटक और कॉरपोरेट क्लाइंट के नहीं आने से भविष्य के प्रति मन में संशय की स्थिति है। होटल व्यवसाय केवल एक अकेला व्यवसाय नहीं इससे जुड़े कई व्यवसाय आपस में गुथे हुए हैं। टूरिस्ट मार्केट, ट्रैवल एजेंट, प्राइवेट बस/टैक्सी ऑपरेटर, रेस्टोरेंट्स, लीकरबार सभी होटल के व्यवसाय से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं और इन सभी पर से संशय के बादल तभी हटेंगे जब पर्यटकों की आवाजाही नियमित होकर बढ़ेगी। साथ ही मन में संक्रमण के फैलने का डर भी है क्योंकि होटल में जो भी व्यक्ति आता है वह किसी दूसरे क्षेत्र या शहर से आता है। दूसरे क्षेत्र या शहर से आवाजाही से संक्रमण तेजी से फैलना बड़ी चुनौती है।

◆सुरक्षा के इंतजाम-
होटल व्यवसाय की परिस्थितियां संक्रमण को लेकर बहुत ही संवेदनशील है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करना बहुत जरूरी है। होटल में आने वाले अतिथियों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ उनके फुटप्रिंट से लेकर हाथों और उनके सामान का व्यापक सैनिटाइजेशन जैसे सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन बहुत जरूरी है। अतिथि यदि मास्क नहीं लाया है तो उसे मास्क उपलब्ध करवाना भी अनिवार्य होगा। अतिथि की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी अतिथि रजिस्टर में भी एक जरूरी कदम होगा। रूम सर्विस को लेकर भी एक गंभीरता से विचार जरूरी होगा। सेल्फ सर्विस की ओर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होगी। अतिथि के चेक आउट के बाद रूम का हाउसकीपिंग स्टाफ के द्वारा सैनिटाइजेशन भी जरूरी कदम होगा। होटल स्टाफ का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना भी आवश्यक होगा। होटल के नोटिस बोर्ड और विभिन्न नोटिस किए जाने वाले स्थानों पर कोविड-19 से बचाव की जानकारियों सूचनार्थ लगा दी जाए जिससे जागरूकता भी बढ़ेगी। इन सब उपायों से कोविड-19 के संक्रमण से बचाव में मदद तो मिलेगी लेकिन होटल का मेंटेनेंस रखरखाव का खर्चा बढ़ जाएगा।

◆तस्वीर बदलने की आशा-
कोविड-19 के बाद अतिथि या होटल स्टाफ संक्रमण की वजह से चीजों को छूने से डरेंगे, और साफ-सफाई को जरूरी मानकों में लिया जाएगा। लोगों को लंबे लॉकडाउन के बाद और विषम आर्थिक परिस्थितियों में समय गुजारने के बाद जब भी समय अनुकूल होगा पर्यटक परिजनों सहित सुरक्षा मानकों के साथ बाहर निकलेगा और पर्यटन उद्योग तेजी से रफ्तार पकड़ेगा। आकर्षक पैकेज के साथ पर्यटन बढ़ने की संभावना है। पर्यटन को लेकर सरकार को भी नई रणनीति बनानी होगी। उम्मीद है की कुछ समय बीतने के बाद सुरक्षा मानकों के साथ होटल उद्योग में रौनक लौटेगी।
©विपिन जैन

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