एक बचपन तेरा भी था,
एक बचपन मेरा भी था,
उस नीम के नीचे ,
घंटों खेला करते थे,
साथ हॅसा करते थे,
साथ ही रोया करते थे,
वो यादे कहाँ चली गयी?
तू कहाँ चली गयी?
आज जब आया उसी नीम के नीचे,
बच्चों को खेलते देखा,
तो तेरी याद आ गयी,
तू कहाँ चली गयी?
वो यादे कहाँ चली गयी?
5 comments:
बस यादें ही रह जाती हैं। अच्छा लिखा है।
घुघूती बासूती
bahut achhe vipin.. yuhi likhte rahe..
aur ha ye comments wale page se word verification hata lijiye..
vipinji, bhut aachi rachana. likhate rhe.
aap apna word verification hata le taki humko tipani dene me aasani ho.
fulzबहुत सुन्दर ! बधाई स्वीकार करें।
तो तेरी याद आ गयी,
तू कहाँ चली गयी?
वो यादे कहाँ चली गयी?
lil bit pain ful.........nice to read
गुजरे हुए लम्हों को
यादों में बुला लेना,
बीते हुए बचपन को,
यादों मे संजों लेना
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