मिलकर बिछुड़ने का सफ़र,
दोनों खामोश थे मगर,
दोनों की खामोशी का सफ़र,
आज भी है साँसों का सफ़र,
उस रात की यादों का सफ़र,
उसके चेहरे में थी एक मासूमियत,
याद है उसकी मासूमियत का सफ़र,
वो आज फिर मिली उसी सफ़र में,
उसी मासूमियत के साथ,
तब वो अकेली थी सफ़र में,
आज है किसी हमसफ़र के साथ ]
3 comments:
तब वो अकेली थी सफ़र में,
आज है किसी हमसफ़र के साथ ]
सही लिखा यही जिंदगी है
Hamsafar hokebhi kayi baar ham akelehi hote hain!!
Apna har safar tanhaa hee hota hai,yakeen maniye!
Shama
दोनों खामोश थे मगर,
दोनों की खामोशी का सफ़र,
आज भी है साँसों का सफ़र,
उस रात की यादों का सफ़र,
" uttha hai jub dil mey,
taire bechanee ka safar,
dehka jata hai fir mujhe,
tujhe bichudne ka vo safar..."
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